खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर Garhwali Holi Song Lyrics & Video

होली के नर्तक जब किसी गांव में या घर में प्रवेश करते हैं तो इस प्रकार गीत गाते और नाचते हैं-

Garhwali Holi Song Lyrics


खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर
दर्शन दीजो माई अम्बे-झुलसी रहो जी.
तील को तेल कपास की बाती
जगमग जोत जले दिन राती-झुलसी रहो जी.


होली के गीतों के कोई निश्चित विषय नहीं होते. इन गीतों को देखिये-

वन फूलों से मथुरा छायी रही-२
को जन खेलें लड़िया हिण्डोला-२
को जन झूला झुलाय रहे, वन फूलों से मथुरा छायी रही..१..
कृष्ण जी खेले लड़िया हिण्डोला-२
राधा जी झूला झूलाय रहीं, वन फूलों से मथुरा छायी रही..२..
कृष्ण के सिर में मुकुट विराजै-२
मुकुट में हीरे भरे ही रहे वन फूलों से मथुरा छायी रही..३..
कृष्ण के गल में माला विराजै-२
माला में मोती जंड़ ही रहे, वन फूलों से मथुरा छायी रही..४..
कृष्ण के हाथों में वंशी विराजै-२
अधरों से वंशी बजती रहे, वन फूलों से मथुरा छायी रही ..५..


HOLI SONG- खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर





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