अजीब दास्ताँ है ये Ajeeb Dastan Hai Yeh Lyrics in Hindi – Lata Mangeshkar

गायक : लता मंगेशकर, 

गीतकार : शैलेन्द्र, 

संगीतकार : शंकर जयकिशन, 

फिल्म : दिल अपना और प्रीत पराई (१९६०)


Ajib Dastan Hai Yeh


अजीब दास्तां है ये

कहाँ शुरू कहाँ ख़तम

ये मंज़िले हैं कौनसी

न वो समझ सके न हम


अजीब दास्तां है ये

कहाँ शुरू कहाँ ख़तम

ये मंज़िले हैं कौनसी

न वो समझ सके न हम


ये रोशनी के साथ क्यों

क्यों धुआं उठा चिराग से

ये रोशनी के साथ क्यों

क्यों धुआं उठा चिराग से

ये ख़्वाब देखती हूँ मैं

कि जग पड़ी हूँ ख़्वाब से



अजीब दास्तां है ये

कहाँ शुरू कहाँ ख़तम

ये मंज़िले हैं कौनसी

न वो समझ सके न हम


मुबारकें तुम्हें कि तुम

किसी के नूर हो गए

मुबारकें तुम्हें कि तुम

किसी के नूर हो गए

किसी के इतने पास

हो कि सबसे दूर हो गए


अजीब दास्तां है ये

कहाँ शुरू कहाँ ख़तम

ये मंज़िले हैं कौनसी

न वो समझ सके न हम



किसी का प्यार लेके तुम

नया जहां बसाओगे

किसी का प्यार लेके तुम

नया जहां बसाओगे

ये शाम जब भी आएगी

तुम हमको याद आओगे


अजीब दास्तां है ये

कहाँ शुरू कहाँ ख़तम

ये मंज़िले हैं कौनसी

न वो समझ सके न हम

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